क्या आपने कभी सोचा है कि भय, रोग और कठिनाइयों से जूझते समय कौन-सा भक्ति गीत आपके मन को तुरंत शक्ति और शांति देता है? यही वह क्षण है जब हनुमान जी की आरती (Hanuman Aarti) आपके जीवन में प्रकाश बनकर आती है।
यह श्री हनुमान जी की आरती, जिसे परंपरागत रूप से गोस्वामी तुलसीदास जी की रचना माना जाता है, सदियों से भक्तों के लिए संकटमोचन और साहस का अमृत रही है। इसकी पंक्तियाँ “आरती कीजै हनुमान लला की” सिर्फ़ शब्द नहीं, बल्कि ऐसी आध्यात्मिक ऊर्जा हैं जो नकारात्मकता, भय और रोग को दूर कर देती हैं और मन को साहस, विश्वास और भक्ति से भर देती हैं।
हालाँकि इस आरती को किसी एक गायक से जोड़कर नहीं देखा जा सकता, क्योंकि यह मंदिरों और भक्तों की सामूहिक श्रद्धा का प्रतीक है। आज इसे अनूप जलोटा, नरेन्द्र चंचल जैसे कई प्रसिद्ध भजन गायकों ने अपने सुरों में गाकर और भी लोकप्रिय बना दिया है।
इसलिए अगर आप भी जीवन की परेशानियों से मुक्ति, आत्मविश्वास और हनुमान जी की असीम कृपा चाहते हैं, तो इस पवित्र आरती का पाठ करना आपके लिए सबसे बड़ा वरदान साबित हो सकता है।

**श्री हनुमंत स्तुति **
मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,
श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥
** आरती **
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
**इति संपूर्णंम् **
हनुमान आरती का महत्व (Importance of Hanuman Aarti)
हनुमान जी की आरती करने से भक्त को अपार शक्ति, साहस और आत्मविश्वास मिलता है।
यह आरती नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर मन को शांति और भक्ति से भर देती है।
- मंगलवार और शनिवार को हनुमान आरती का विशेष महत्व है।
- रोग, दोष और भय का नाश होता है।
- हनुमान जी की कृपा से जीवन में सफलता और साहस मिलता है।
हनुमान आरती पढ़ने के लाभ (Benefits of Hanuman Aarti)
- मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- जीवन से नकारात्मक शक्तियाँ और भय दूर होते हैं।
- कार्यों में सफलता और संकटमोचन हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।
- भक्त को रामभक्ति का आशीर्वाद मिलता है।
हनुमान आरती कब करनी चाहिए?
- सुबह और शाम नियमित रूप से।
- विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को।
- संकट या कठिनाई के समय हनुमान जी की आरती पढ़ना अत्यंत फलदायी है।
**संबंधित पाठ **
Frequently Asked Questions (FAQ)
Q1. हनुमान आरती कब करनी चाहिए?
प्रातःकाल और सायंकाल, विशेषकर मंगलवार और शनिवार को।
Q2. हनुमान आरती पढ़ने के क्या फायदे हैं?
भय, रोग और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में साहस मिलता है।
Q3. क्या हनुमान आरती को ऑनलाइन पढ़ना/सुनना लाभकारी है?
हाँ, अगर श्रद्धा और भक्ति भाव से पढ़ें तो समान फल प्राप्त होता है।
Q4. हनुमान आरती का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
सूर्योदय और सूर्यास्त के समय आरती करना सबसे शुभ माना जाता है।